जल संरक्षण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी तय
केंद्र सरकार ने इस अभियान की शुरूआत 25 दिसंबर 2019 को की थी। जिसका उद्देश्य वर्षा जल का संग्रह करना, भूजल स्तर को ऊंचा उठाना तथा पानी को व्यर्थ बहाए जाने से रोकना है। उन्होंने कहा कि हमारी पृथ्वी पर तीन-चौथाई जल होने के बावजूद मात्र एक प्रतिशत से भी कम पानी उपयोग में लाने योग्य है। नदियों और ग्लेशियर में पानी कम होता जा रहा है, जिस कारण कई बार हमें जल संकट का सामना करना पड़ता है। पानी एक ऐसा तत्व है, जिसका निर्माण नहीं किया जा सकता।
Gurugram News Network-एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा है कि जल संरक्षण के लिए हर एक विभाग की जिम्मेदारी तय की जाएगी। पानी बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ धरातल पर कुछ ठोस कार्य भी शहर और गांवों में किए जाने चाहिए। एडीसी एनआईसी सभागार में अटल भूजल योजना पर आधारित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के तत्वाधान में सरकार द्वारा अटल भूजल कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने इस अभियान की शुरूआत 25 दिसंबर 2019 को की थी। जिसका उद्देश्य वर्षा जल का संग्रह करना, भूजल स्तर को ऊंचा उठाना तथा पानी को व्यर्थ बहाए जाने से रोकना है। उन्होंने कहा कि हमारी पृथ्वी पर तीन-चौथाई जल होने के बावजूद मात्र एक प्रतिशत से भी कम पानी उपयोग में लाने योग्य है। नदियों और ग्लेशियर में पानी कम होता जा रहा है, जिस कारण कई बार हमें जल संकट का सामना करना पड़ता है। पानी एक ऐसा तत्व है, जिसका निर्माण नहीं किया जा सकता।
एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। इसका एकमात्र कारण जमीन के नीचे के पानी का जबरदस्त दोहन किया जाना है। जिसे अब रोकना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का कार्य विभिन्न विभागों की एक टीम बनाकर किया जा सकता है, जिसमें हर एक विभाग का दायित्व निर्धारित किया जाए। इसके लिए एक कार्ययोजना बनाई जाएगी।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता मनीष चितकारा ने बताया कि अटल भूजल कार्यक्रम में भूजल, नलकूप, वर्षा, नहरी पानी आदि हर स्तर पर पानी की उपलब्धता का गहन सर्वे किया जा रहा है और गांवों में इसे नापने के लिए पीजोमीटर, वाटर फ्लो मीटर आदि उपकरण लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फर्रूखनगर ब्लॉक में 74.54 फुट, पटौदी में 110.82 फुट तथा सोहना में 66.84 फुट पर जमीन के नीचे पानी का स्तर आंका गया है। गांव मोकलवास में 178 फुट, फकरपुर में 184 फुट व हरियाहेड़ी में 211 फुट तक भूजल स्तर जा चुका है। जबकि गांव इकबालपुर, बाराहेरी रहमान व सिलानी में पानी का स्तर ऊपर है।
भूजल विशेषज्ञ मुकेश कुमार ने बताया कि अटल भूजल कार्यक्रम के तहत फर्रूखनगर में आवंटित किए गए बजट 11.40 करोड़ में से दस करोड़ 31 लाख, पटौदी में 10.46 करोड़ में से 9 करोड़ 97 लाख, सोहना में 6.74 करोड़ में से 2 करोड़ 87 लाख तथा गुरूग्राम खंड में 2.26 करोड़ में से 1.18 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में बरसात का पानी संचय करने के लिए टैंक सहित बोरिंग के स्ट्रक्चर बनवाए गए हैं।